Wednesday, 31 January 2018

अध्याय : तृतीय

"बुरा सपना देख लिया उसने, डर गयी बेचारी...." प्रियंका ने एक झटके में बोल दिया, "सपना...कैसा सपना...." वरुण ने ज़ोर डालते हुए पूछा, " यह किस तरह का सपना है? वह इतनी बुरी तरह से चिल्ला रही थी, यह एक सामान्य बात नहीं है" प्रियंका अवाक हो गई|

वह एक पल के लिए रुक गयी, और फिर उसने धीरे से कहा " ऐसा कुछ नहीं है"

वरुण ने प्रियंका को कंधे से पकड़ा और उसे उसके तरफ घुमाया, " क्या मतलब है इसका .....ऐसा कुछ नहीं है ...." वरुण आपा खो बैठा , " तुम तो मुझे ऐसे बेहला रही रही हो  जैसे मैं कोई छोटा बच्चा हूँ " प्रियंका को झकझोंर सा दिया वरुण ने| वरुण बिना रुके तैश में बोला " जिस तरह से वो लड़की चीख़ी  वो कोई महज़ बुरा सपना नहीं हो सकता ....वो भी दो रातें लगातार "

प्रियंका वरुण की इस बात से स्तबद्ध रह गई , वरुण उसकी आँखों में अपने सवालों का ज़वाब ढूंढ़ रहा था| प्रियंका प्रियंका ने खुद को संभाला , वरुण की कैद से खुद को आज़ाद किया| आगे कदम बढ़ा के अपनी पीठ उसने वरुण की तरफ की और गहरी साँस ली | वरुण ने बेसब्र हो के बोला , " कुछ बोलोगी भी अ। ... ...?"

" काश वो सच में  बुरा सपना ही होता " प्रियंका ने वरुण की बात काटते हुए बोला |


                              */प्रियंका की बात का क्या मतलब था? जानिए अगले अध्याय में */